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All Information about 4 January 2021 with History Updates

All Information about 4 January 2021 with History Updates

4 जनवरी के बारे में विस्तृत जानकारी तथा मुख्य इतिहास

दोस्तो आज नए साल का चौथा दिन है, और आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है, क्योकि 4 जनवरी को पूरे विश्व में ब्रेल दिवस मनाया जाता है!

ब्रेल के महत्ता के बारे में तथा दिव्यांग (जिसका कोई अंग ना हो) अर्थात अंधे या आंशिक रूपो से दृष्टिहीन व्यक्क्तियों के मानवाधिकारों के पूर्ण अहसास में संचार के साधन के रूप में मनाया जाता है!

हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योकि आज के दिन ही 4 जनवरी 1809 में लुई ब्रेल का जन्म पेरिस (फ्रांस) के पास एक छोटे से शहर में हुआ था! 

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 और उनके साथ बचपन में घटित एक हादसे के दौरान वो अंधे हो गए थे, उसके बाद उन्होंने अपने जीवन के रहन-सहन को इस तरीके से बदला की ना सिर्फ लुई ब्रेल  बल्कि उनके जैसे लाखो- करोड़ो लोगो की जिंदगी में एक नई उजाला आयी, और लुई ने 15 साल की आयु में ही, चार्ल्स बार्बियर के Night Writing System पर आधारित लिखने अथवा पढ़ने का एक तरीका ढूंढ निकाली! जिसे हम ब्रेल लिपि के नाम से जानते हैं! ब्रेल लिपि आंशिक रूप से ना देख पाने वाले असमर्थ लोगो को पढ़ने की इच्छा को पूरी करने के लिए वरदान साबित हुआ!

लुई ब्रेल कैसे अंधे हुए?

लुई मध्यम वर्गीय परिवार से थे, तथा उनके पिता चमड़े का काम किया करते थे, एक दिन लुई ने अपने पिता की नकल करते हुए 3 साल की उम्र में चमड़े की एक छोटे से टुकड़े को निचोड़ रहे थे तथा उसमे किसी नुकीली चीज से छेद करने की कोशिश कर रहे थे, और चमड़े के जोर से दबाने की कोशिश में वो निकली चीज किसी तरह उनकी आंख में चुभ गयी!

लुई के पिता मध्यम वर्गीय तथा, 19वीं सदी में दवा भी उतनी विकसित नही हुई थी, जिससे एक 3 साल के बच्चे का सुचारू रूप से इलाज किया जाये, और न ही लुई के पिता के पास उतने पैसे थे!

लुई को एक नजदीकी डॉक्टर के पास ले जाया गया जहाँ डॉक्टर ने सही से इलाज न कर पाने के वजह से कुछ अंश आँख के अंदर ही रह गए थे, और डॉक्टर ने उसपे पट्टी कर दी! देखते ही देखते लुई ब्रेल के एक आँख से दूसरे आँख में भी संक्रमण हो गया, और महज 5 साल की उम्र में अंधे हो गए!

लुई जब 9 साल के थे, तब एक प्रतिष्ठित व्यकि ने,  उनकी कलाहनी सुनी और उन्होंने सरकार से दरख्वास्त की एक ऐसे स्कूल की जिसमे दृष्टिहीन बच्चे शिक्षा हासिल कर सके, और लोग उन्हें बाकी बच्चों से अलग न समझे!

तब जाकर पेरिस में रॉयल इंस्टीटूट ऑफ ब्लाइंड नामक एक स्कूल की अस्थापना हुआ, ताकि लुई ब्रेल तथा उनके जैसे लोगो को छात्र के रूप में लिया जा सके!

दरअसल लुई की स्कूल एक स्कूल नही थी, वो एक पुरानी जेल थी, जिसे स्कूल में तब्दील किया गया! जहां पे अंधेरा, तथा खाने अथवा नहाने की उचित व्यस्था भी नही थी, वहां पे पढ़ने वाले बच्चे को दिन में एक बार ही खाना दिया जाता था, तथा वो महीने में एक बार ही नहाने की अनुमति थी! और बोहत सारे कठोर नियम भी!
फिर भी अंततः लुई ने विशाल अक्षरों को ट्रेस करके पढ़ना-लिखना सीखा!

स्कूल लुई के लिए बिल्कुल भी बुरा नही था, वो नए विषयों जैसे व्याकरण, संगीत, तथा विज्ञान को सीखने में सक्षम थे! लेकिन लुई के लिए सिर्फ पढ़ना सीखना ही काफी नही थी, वह लिखना भी चाहते थे!
लुई चमड़े के बने मोटे वर्णमालाओं के जरिये उनको अनुभव करने तथा सीखने की कोशिश किया करते थे!

एक दिन लुई के स्कूल का दौर करते हुए, एक रिटायर्ड सेना के कप्तान चार्ल्स बार्बियर ने, छात्रों को एक ऐसी विधि के बारे में बताया जिसका इस्तेमाल सैनिक एक दूसरे से गुप्त सूचना के आदान-प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया करते थे! (हालांकि ये सैनिको के लिए बहुत ही जटिल था, उस कोड को समझना, और इसे सेना में ज्यादा दिन तक इस्तेमाल नही किया गया!)

चार्ल्स बार्बियर का विधि क्या था?

मोटे कागज में छिद्र करके तथा अंदर के तरफ से नुकीली चीजों को चुभा कर डॉट के तरह बनाया जाता था, जो समझने लायक हो! और इसी विधि से सिख लेकर लुई ब्रेल ने ब्रेल लिपि बनाई!

ब्रेल दिवस उनलोगों के लिए स्वंतंत्रता के महत्ता को याद दिलाता है, जो नेत्रहीन हैं! लेकिन इन दिनों आपने देखा होगा की, बोहत सारे ऐसे जगह आपको मिल जाएंगे, जहाँ नेत्रहीन लोगो की सुविधाएं के लिये ब्रेल लिपि नही दी जाती है, तथा उन्हें होटलों में या फिर अपने रकम का सही भुगतान करने में काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है!
अंधापन वाले लोगो के लिए वरदान ब्रेल लिपि उन्हें साक्षर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक के ररोप में भूमिका निभाता है !

दुर्भाग्य से ब्रेल लिपि बनाने वाले लुई ब्रेल को ये देखने का सौभाग्य नही प्राप्त हुआ की, उनके द्वारा बनाई गयी ब्रेल लिपि कितना उपयोगी है, और उनकी मृत्यु 43 साल के ही उम्र में सन 1852 में हो गयी!

स्कूलों में ब्रेल लिपि कब से लागू हुआ?

पहली बार 1854 में फ्रांस के रॉयल इंस्टीटूट फ़ॉर द ब्लाइंड युथ ने ब्रेल लिपि को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया था (छात्रों के भारी मांग के कारण, क्योकि शिक्षक को भय था की अगर ब्रेल लिपि आ गया तो, लोगो को शिक्षक की जरूरत नही होगी) फिर वहां से ब्रेल लिपि बाकी के छात्रों तथा बच्चों के माध्यम से 1878 में ब्लाइंड के लिए विश्व कांग्रेस ने इसे नेत्रहीन छात्रों के लिए अंतराष्ट्रीय प्रणाली बनने के लिए पहली बार वोट दिया था, तथा 1916 तक संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के स्कूलों में भी नेत्रहीनता से पीड़ित  बच्चों को ब्रेल लिपि सीखाना जारी किया!

ब्रेल लिपि कैसे पढ़ा जाता है?

ब्रेल लिपि एक ऐसा लिपि है जिसमे न देख पाने वाले लोग शब्दो को छूकर पढ़ते हैं , मुख रूप से ब्रेल विभिन्न भाषाओ तथा विषयो के लिए है, जैसे

म्यूजिक सीखने वालो छात्रों की अलग ब्रेल लिपि होती है, यहां तक की ब्रेल के द्वारा आप गणित तथा कंप्यूटर के क्षेत्र में भी जानकारी हासिल कर सकते हैं!

आज का इतिहास?

1932:- 4 जनवरी 1932 को ही वायसराय लार्ड विलिंग्डन महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू को गिरफ्तार किया था!

1959:- 4 जनवरी 1959 को लूना 1 (Mechta) पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण छोड़ने वाला वायुयान बना था!

1961:- विश्व की पहली लंबी हड़ताल जो 33 साल से डेनमार्क के नाईयो (Barber) के  सहायकों(Helper) के द्वारा की गयी थी, खत्म होती है!

1986:- डेविड बून के द्वारा बनाया गया दूसरा शतक था, जो एडिलेड में बनाया गया था!

2007:- 110 वीं संयुक्त राज्य ने नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) को सदन की पहली महिला को अध्यक्ष के रूप में चुना गया था!

04-01-2021 (Monday)(सोमवार)(पीर)

विक्रमसंवत: 2077 (प्रमादी) इस सवंत्सर का नाम है!
शकसंवत: 1942 (शार्वरी) शार्वरी, श्री शालिवाहन शकसंवत का नाम है!

कुंडली:- धनु (Sagittarius)
राशि:- सिंह (Leo)
ऋतु:- हेमंत (Hemant)
दिशा (Ayana) :- दक्षिणायन (Dakshinayana)

तिथि:- कृष्णा पंचमी 7:15:12 तक
योग:- आयुष्मान 8:01:59  तक
नक्षत्र:- पूर्व फाल्गुनी 19:17:39 तक
करण:- तैतिल (Taitil) 7:14:12  तक

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